नई दिल्ली: विगत 3 दिसम्बर 2014 दिन-बधुवार को सुबह 10 बजे, स्थान-कोढ़ियों की झुग्गी बस्ती,पीरागढ़ी, दिल्ली में गुरु शुक्ल जैन चैरिटेबल ट्रस्ट (पंजीकृत) दिल्ली के द्वारा झुग्गी बस्ती में रह रहे अपंग लोगों को कम्बल और भोजन वितरण करके "अपंगता दिवस" मनाया गया.
इस अवसर पर उप. प्र. श्रमणी सूर्या महासाध्वी डॉ. श्री सरिता जी महाराज साहब एवं सरलात्मा गुरुणी श्री शिखा जी महाराज साहब के आशार्वाद से और मधुर वक्ता महासाध्वी श्री श्रेया जी महाराज साहब की पावन प्रेरणा से पीरागढ़ी की झुग्गी बस्ती में रह रहे अपंग और कोढ़ियों को गुरु शुक्ल जैन चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से कम्बल और एक दिन का भोजन वितरण करने के साथ ही व्यवस्था करने में सहयोग दिया.
मधुर वक्ता महासाध्वी श्री श्रेया जी महाराज साहब ने इस अवसर पर सभी अपाहिज बन्धुओं एवं महिलाओं को प्रवचन के माध्यम से जीवन और जीवन जीने की कला का तरीका बताकर सभी प्रकार के नशों से मुक्त एवं शाकाहारी जीवन जीने की प्रेरणा दी. इसके अलावा सभी को कुव्यसनों से दूर रहने की शपथ दिलाई. साथ ही यह भी कहा कि आप अपने आपको अधुरा न समझे. आप भी समान्य व्यक्ति की भांति जीवन जी सकते हैं.
उप. प्र. श्रमणी सूर्या महासाध्वी डॉ. श्री सरिता जी महाराज साहब ने गुरु शुक्ल जैन चैरिटेबल ट्रस्ट कोसाधुवाद दिया तथा इसी प्रकार "मानव सेवा" में लगे रहने की प्रेरणा देकर अपना मंगल आशीर्वाद दिया. ट्रस्ट के प्रधान श्री विजय गर्ग, उपप्रधान राजेश जैन, कोषाध्यक्ष सुशील जैन एवं अन्य सहयोगियों सहित अपने हाथों से इन अपंग भाई-बहनों को भोजन परोसा और मंत्री श्री अजय जैन ने अपने ट्रस्ट की भावी रुपरेखा का उल्लेख किया तथा प्रथम प्रयास के इस सराहनीय कार्यक्रम की संपन्नता हेतु उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया.
इस अवसर पर ट्रस्ट के प्रधान विजय गर्ग ने मुख्य अतिथि श्री अतुल जैन( अध्यक्ष, जैन क्राफ्रेंस-दिल्ली), पश्चिम विहार श्री संघ, ला. जगदीश राय जैन, श्री शांति लाल कोठारी, निर्मल जैन, अनिल जैन, सुदर्शन जैन के साथ ही दिल्ली-जैन कांफ्रेस के ज्ञानप्रकाश योजना के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र जैन आदि के सहयोग करने का धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त करने के साथ ही ट्रस्ट के परम लक्ष्य -मानव सेवा सहित जरुरतमन्द, असहाय व गरीब लोगों की सहायता करना आदि उद्देश्यों से अवगत करवाया और झुग्गी बस्ती के कार्यकर्त्ताओं को भी धन्यवाद देते हुए भविष्य में भी सहयोग देने का आश्वासन दिया.