सुंदर चेहरा दिखाओ प्रतियोगिता की मालिकन फेसबुक (चेहरे की किताब) पर दोस्तों मैं अपने विचारों का लेखन (कुछ हीरे-मोती समान कीमती शब्दों का खजाना लुटाना) करके बस कुछ यह ही मंथन (कुछ सार्थक विचार देने का दृढ निश्चय, क्योंकि शरीर मर जाता है मगर विचार हमेशा जिन्दा रहते हैं) कर पाया हूँ जिनको आप इस लिंक https://www.facebook.com/sirfiraa/notes पर पढ़ सकते हैं.
1. भारत माता फिर मांग रही है क़ुर्बानी पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 16 जनवरी 2011
2.
कंप्यूटर बेचते समय कहने को कम्पनी और डीलर कहता हैं कि-24 घंटे में घर पर
ही सर्विस देंगे. पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 5 अगस्त 2011
3. जनहित में एक बहुमूल्य संदेश:-पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा ·14 अगस्त 2011
4.
तीर्थंकर महावीर स्वामी जी ग्रुप के पाठकों, लेखकों और टिप्पणिकर्त्ताओं
के नाम एक बहुमूल्य संदेश पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 12 सितंबर
2011
5. कागज के रावण मत फूकों, जिन्दा रावण बहुत पड़े हैं पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 6 अक्टूबर 2011
6. क्या आदमी को बुजदिलों की मौत मरना चाहिए या वीरों की ? पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 17 अक्टूबर 2011
7. मांगे मिले नहीं भीख, बिन मांगे मोती मिले पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 5 दिसंबर 2011
8. दोस्तों की संख्या में विश्वास करते हो या उनकी गुणवत्ता पर ? पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 13 दिसंबर 2011
9. भारत देश की मांओं और बहनों के नाम एक अपील पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 21 दिसंबर 2011
10. क्या उसूलों पर चलने वालों का कोई घर नहीं होता है ? पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 24 दिसंबर 2011
11. सिरफिरा-दोस्त के नाम पर कलंक है पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 6 जनवरी 2012
12. हम कौन है ? पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 21 सितंबर 2012
13. मित्रता के दौर में स्वागत है आपका पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 23 सितंबर 2012
14. यदि फेसबुक की अपनी प्रोफाइल में हिन्दी में नाम लिखना हो तो ऐसे करें. पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 27 सितंबर 2012
15. क्या खास इन वेबसाइट्स में जो इन्हें हर रोज देखते हैं अरबों लोग पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 15 अक्टूबर 2012
16. आज हमारा जन्मदिन है. पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 19 अक्टूबर 2012
17. केबल ऑपरेटरों और सरकार की गुंडागर्दी से कौन बचायेगा ? पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 24 अक्टूबर 2012
18. मेरा (रमेश कुमार जैन) जीवन परिचय पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 31 मार्च 2013
19. कितना जानते हैं आप अपने मोबाईल के बारें में पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 9 अप्रैल 2013
20. आलोचना के फूल तो ठीक हैं, कांटों से निपटना होगा पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 11 अप्रैल 2013
21. आप मुझे वोट दो, मैं तुम्हारे अधिकारों के लिए अपना खून बहा दूंगा ! पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 11 मई 2013
22. यह था मेरा चुनावी घोषणा-पत्र पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 15 मई 2013
23. पत्रकार भी अपने आचरण में सुधार लाए पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 1 जून 2013
24. आप मुझे वोट दो, मैं तुम्हारे अधिकारों के लिए अपना खून बहा दूंगा ! (भाग-दो) पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 2 जून 2013
25. सिम से हमेशा के लिए डिलीट हो चुके मोबाइल नंबर्स कैसे पाएं पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 16 जून 2013
26. बेबकूफी है ख़ुदकुशी करना पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 18 जून 2013
27. कुछ पुरानी यादें, जिन्हें जल्दी से भूल जाना चाहूँगा ! पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 21 जून 2013
28. अपनाएं यह सिंपल उपाय चोरी हुए मोबाइल को खोजें ! पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 3 जुलाई 2013
29. "दोस्ती" है जीवन का अटूट बंधन पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 4 अगस्त 2013
30. यह अंग्रेजन छोरिया भी जीने नही देती... पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 11 अगस्त 2013
31. कहीं आप इनका शिकार तो नहीं बनने जा रहे हैं...... पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 19 अगस्त 2013
32. काजोल ने बताये मातृत्व के गुर(पैरेंटिंग) पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 14 सितंबर 2013
33. प्रत्याशियों को चुनाव खर्च के लिए अलग खाता खुलवाना होगा पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 14 सितंबर 2013
34.
"लायंस क्लब दिल्ली साऊथ" ने पहचान-पत्र कैसे बनवाये जागरूकता अभियान
चलाया। पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 20 अक्टूबर 2013
35 अपनी प्रशंसा पाना या अपना मुँह मिठ्ठू बनना मेरा उद्देश्य नहीं हैं. पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 31 अक्टूबर 2013
36. आप भी मुझे चुनाव हेतु चंदा देकर मेरे सहयोगी बनें। पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 2 नवंबर 2013
37. स्वतंत्र पत्रकारिता को प्रोत्साहन दीजिए पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 2 जनवरी 2014
38. "जीवन का लक्ष्य" समाचार पत्र का प्रकाशन का सफर रोका पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 4 जनवरी 2014
39. चुनाव से पहले, चुनाव के बाद का अरविंद केजरीवाल पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 7 मार्च 2014
40. ऐसे रहें ऑनलाइन धोखाधड़ी से सतर्क पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 25 मार्च 2014
41. यदि आपके पास ज्यादा क्रेडिट कार्ड है तो रहेगा ज्यादा तनाव पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 28 मार्च 2014
42. 'आप' ने राजनीति के मैदान को सर्कस में तब्दील कर दिया है पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 2 अप्रैल 2014
43. परिवर्तन या पलायन (आम आदमी पार्टी) पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 13 अप्रैल 2014
44. कैसा रहेगा आपका मई महीना बेजन दारूवाला से जानें पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 1 मई 2014
45. यदि आपका रिश्ता ऐसा है तो उसे अलविदा कह दीजिए पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 10 मई 2014
46. चाहे स्त्री हो या पुरुष, जीवित को भी मृत बना देती हैं यह 14 बुरी आदतें पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 17 मई 2014
47. मेरी दोस्त की जादूगरी देखो और अच्छी लगे तारीफ करने में कंजूसी न करें. पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 21 मई 2014
48. भगवान की प्रतिज्ञा पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 22 मई 2014
49. आखिर क्या है अनुच्छेद(धारा) 370 आओ थोडा इसको जानने लें. पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 6 जून 2014
50. बाबू यह राजनीति है, राजनीति-यहां चूकने के लिए मौके नहीं मिलते हैं ! पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 6 जून 2014
51. केजरीवाल ’आप‘ (आम आदमी पार्टी) सबक सीखिए और आगे बढ़िए पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 9 जून 2014
52. क्या करें जब किसी पर तेजाब गिर जाये या डाल दिया जाये (प्राथमिक उपचार) पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 11 जून 2014
53. क्या है मेरे आपकी फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार/अस्वीकार करने के मापदण्ड ? पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 13 जून 2014
54. पिता विशाल दरख्त की हरी-भरी छांव (‘फादर्स-डे’ पर विशेष लेख) पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 16 जून 2014
55.
गीतों के लिंक से सजा एक लेख -‘पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा..’
(‘फादर्स-डे’ पर विशेष लेख) पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 17 जून
2014
56. कुछ यात्राएँ निराशाजनक भी साबित होती है पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा ·26 जून 2014
जैसा मैंने अपनी पिछली एक पोस्ट में भी लिखा था कि-मुझे ऐसा लगता है कि मेरा फेसबुक पर आना (कोई लगभग पांच साल पहले प्रवेश हुआ था) सफल हो गया. मैं यहाँ (फेसबुक) पर अपने विचारों का लेखन (कुछ हीरे-मोती समान कीमती शब्दों का खजाना लुटाना) और दूसरों के विचारों का अध्ययन (कुछ हीरे-मोती समान कीमती शब्दों का खजाना एकत्रित करना) करके कुछ मंथन (कुछ सार्थक विचार देने का दृढ निश्चय, क्योंकि शरीर मर जाता है मगर विचार हमेशा जिन्दा रहते हैं) करने के लिए आया हूँ/था और समय-समय पर किसी जरूरतमंद की मदद करने का मुझे सौभाग्य भी मिला. जो पहले में अपने प्रकाशन "शकुंतला प्रेस ऑफ़ इंडिया प्रकाशन" परिवार के अख़बारों "जीवन का लक्ष्य (पाक्षिक) शकुंतला टाइम्स (मासिक), शकुंतला सर्वधर्म संजोग (मासिक),शकुंतला के सत्यवचन (साप्ताहिक), उत्तम बाज़ार (त्रैमासिक)" के माध्यम से करता था. जिनको मैंने देश व समाज को समर्पित किया हुआ है. जिसे काफी लोग "समाजसेवा" का नाम भी देते है. इसलिए अपने दैनिक दिनचर्या के कार्य खत्म होने के बाद मेरा काफी समय सोशल वेबसाईट पर ही बीतता है.