हम हैं आपके साथ

हमसे फेसबुक पर जुड़ें

कृपया हिंदी में लिखने के लिए यहाँ लिखे.

आईये! हम अपनी राष्ट्रभाषा हिंदी में टिप्पणी लिखकर भारत माता की शान बढ़ाये.अगर आपको हिंदी में विचार/टिप्पणी/लेख लिखने में परेशानी हो रही हो. तब नीचे दिए बॉक्स में रोमन लिपि में लिखकर स्पेस दें. फिर आपका वो शब्द हिंदी में बदल जाएगा. उदाहरण के तौर पर-tirthnkar mahavir लिखें और स्पेस दें आपका यह शब्द "तीर्थंकर महावीर" में बदल जायेगा. कृपया "रमेश कुमार निर्भीक" ब्लॉग पर विचार/टिप्पणी/लेख हिंदी में ही लिखें.

बुधवार, जून 25, 2014

सुंदर चेहरा दिखाओ प्रतियोगिता की मालिकन फेसबुक

सुंदर चेहरा दिखाओ प्रतियोगिता की मालिकन फेसबुक (चेहरे की किताब) पर दोस्तों मैं अपने विचारों का लेखन (कुछ हीरे-मोती समान कीमती शब्दों का खजाना लुटाना) करके बस कुछ यह ही मंथन (कुछ सार्थक विचार देने का दृढ निश्चय, क्योंकि शरीर मर जाता है मगर विचार हमेशा जिन्दा रहते हैं) कर पाया हूँ जिनको आप इस लिंक https://www.facebook.com/sirfiraa/notes पर पढ़ सकते हैं


1. भारत माता फिर मांग रही है क़ुर्बानी पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 16 जनवरी 2011

2. कंप्यूटर बेचते समय कहने को कम्पनी और डीलर कहता हैं कि-24 घंटे में घर पर ही सर्विस देंगे. पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 5 अगस्त 2011

3. जनहित में एक बहुमूल्य संदेश:-पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा ·14 अगस्त 2011

4. तीर्थंकर महावीर स्वामी जी ग्रुप के पाठकों, लेखकों और टिप्पणिकर्त्ताओं के नाम एक बहुमूल्य संदेश  पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 12 सितंबर 2011

5. कागज के रावण मत फूकों, जिन्दा रावण बहुत पड़े हैं पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 6 अक्टूबर 2011

6. क्या आदमी को बुजदिलों की मौत मरना चाहिए या वीरों की ? पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 17 अक्टूबर 2011

7. मांगे मिले नहीं भीख, बिन मांगे मोती मिले पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 5 दिसंबर 2011 

8. दोस्तों की संख्या में विश्वास करते हो या उनकी गुणवत्ता पर ? पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 13 दिसंबर 2011

9. भारत देश की मांओं और बहनों के नाम एक अपील पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 21 दिसंबर 2011

10. क्या उसूलों पर चलने वालों का कोई घर नहीं होता है ? पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 24 दिसंबर 2011

11. सिरफिरा-दोस्त के नाम पर कलंक है पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 6 जनवरी 2012

12. हम कौन है ? पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 21 सितंबर 2012

13. मित्रता के दौर में स्वागत है आपका पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 23 सितंबर 2012

14. यदि फेसबुक की अपनी प्रोफाइल में हिन्दी में नाम लिखना हो तो ऐसे करें. पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 27 सितंबर 2012

15. क्या खास इन वेबसाइट्स में जो इन्हें हर रोज देखते हैं अरबों लोग पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 15 अक्टूबर 2012

16. आज हमारा जन्मदिन है. पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 19 अक्टूबर 2012

17. केबल ऑपरेटरों और सरकार की गुंडागर्दी से कौन बचायेगा ? पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 24 अक्टूबर 2012

18. मेरा (रमेश कुमार जैन) जीवन परिचय पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 31 मार्च 2013

19. कितना जानते हैं आप अपने मोबाईल के बारें में पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 9 अप्रैल 2013

20. आलोचना के फूल तो ठीक हैं, कांटों से निपटना होगा पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 11 अप्रैल 2013

21. आप मुझे वोट दो, मैं तुम्हारे अधिकारों के लिए अपना खून बहा दूंगा ! पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 11 मई 2013

22. यह था मेरा चुनावी घोषणा-पत्र पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 15 मई 2013

23. पत्रकार भी अपने आचरण में सुधार लाए पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 1 जून 2013

24. आप मुझे वोट दो, मैं तुम्हारे अधिकारों के लिए अपना खून बहा दूंगा ! (भाग-दो) पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 2 जून 2013

25. सिम से हमेशा के लिए डिलीट हो चुके मोबाइल नंबर्स कैसे पाएं पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 16 जून 2013

26. बेबकूफी है ख़ुदकुशी करना पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 18 जून 2013

27. कुछ पुरानी यादें, जिन्हें जल्दी से भूल जाना चाहूँगा ! पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 21 जून 2013 

28. अपनाएं यह सिंपल उपाय चोरी हुए मोबाइल को खोजें ! पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 3 जुलाई 2013

29. "दोस्ती" है जीवन का अटूट बंधन पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 4 अगस्त 2013

30. यह अंग्रेजन छोरिया भी जीने नही देती... पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 11 अगस्त 2013

31. कहीं आप इनका शिकार तो नहीं बनने जा रहे हैं...... पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 19 अगस्त 2013

32. काजोल ने बताये मातृत्व के गुर(पैरेंटिंग) पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 14 सितंबर 2013

33. प्रत्याशियों को चुनाव खर्च के लिए अलग खाता खुलवाना होगा पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 14 सितंबर 2013

34. "लायंस क्लब दिल्ली साऊथ" ने पहचान-पत्र कैसे बनवाये जागरूकता अभियान चलाया। पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 20 अक्टूबर 2013

35 अपनी प्रशंसा पाना या अपना मुँह मिठ्ठू बनना मेरा उद्देश्य नहीं हैं. पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 31 अक्टूबर 2013

36. आप भी मुझे चुनाव हेतु चंदा देकर मेरे सहयोगी बनें। पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 2 नवंबर 2013

37. स्वतंत्र पत्रकारिता को प्रोत्साहन दीजिए पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 2 जनवरी 2014

38. "जीवन का लक्ष्य" समाचार पत्र का प्रकाशन का सफर रोका पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 4 जनवरी 2014

39. चुनाव से पहले, चुनाव के बाद का अरविंद केजरीवाल पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 7 मार्च 2014

40. ऐसे रहें ऑनलाइन धोखाधड़ी से सतर्क पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 25 मार्च 2014

41. यदि आपके पास ज्यादा क्रेडिट कार्ड है तो रहेगा ज्यादा तनाव पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 28 मार्च 2014

42. 'आप' ने राजनीति के मैदान को सर्कस में तब्दील कर दिया है पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 2 अप्रैल 2014

43. परिवर्तन या पलायन (आम आदमी पार्टी) पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 13 अप्रैल 2014

44. कैसा रहेगा आपका मई महीना बेजन दारूवाला से जानें पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 1 मई 2014

45. यदि आपका रिश्ता ऐसा है तो उसे अलविदा कह दीजिए पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 10 मई 2014

46. चाहे स्त्री हो या पुरुष, जीवित को भी मृत बना देती हैं यह 14 बुरी आदतें पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 17 मई 2014

47. मेरी दोस्त की जादूगरी देखो और अच्छी लगे तारीफ करने में कंजूसी न करें. पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 21 मई 2014

48. भगवान की प्रतिज्ञा पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 22 मई 2014

49. आखिर क्या है अनुच्छेद(धारा) 370 आओ थोडा इसको जानने लें. पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 6 जून 2014

50. बाबू यह राजनीति है, राजनीति-यहां चूकने के लिए मौके नहीं मिलते हैं ! पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 6 जून 2014

51. केजरीवाल ’आप‘ (आम आदमी पार्टी) सबक सीखिए और आगे बढ़िए पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 9 जून 2014

52. क्या करें जब किसी पर तेजाब गिर जाये या डाल दिया जाये (प्राथमिक उपचार) पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 11 जून 2014

53. क्या है मेरे आपकी फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार/अस्वीकार करने के मापदण्ड ? पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 13 जून 2014

54. पिता विशाल दरख्त की हरी-भरी छांव (‘फादर्स-डे’ पर विशेष लेख) पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 16 जून 2014

55. गीतों के लिंक से सजा एक लेख -‘पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा..’ (‘फादर्स-डे’ पर विशेष लेख) पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा · 17 जून 2014

56. कुछ यात्राएँ निराशाजनक भी साबित होती है पत्रकार रमेश कुमार निर्भीक द्वारा ·26 जून 2014
जैसा मैंने अपनी पिछली एक पोस्ट में भी लिखा था कि-मुझे ऐसा लगता है कि मेरा फेसबुक पर आना (कोई लगभग पांच साल पहले प्रवेश हुआ था) सफल हो गया. मैं यहाँ (फेसबुक) पर अपने विचारों का लेखन (कुछ हीरे-मोती समान कीमती शब्दों का खजाना लुटाना) और दूसरों के विचारों का अध्ययन (कुछ हीरे-मोती समान कीमती शब्दों का खजाना एकत्रित करना) करके कुछ मंथन (कुछ सार्थक विचार देने का दृढ निश्चय, क्योंकि शरीर मर जाता है मगर विचार हमेशा जिन्दा रहते हैं) करने के लिए आया हूँ/था और समय-समय पर किसी जरूरतमंद की मदद करने का मुझे सौभाग्य भी मिला. जो पहले में अपने प्रकाशन "शकुंतला प्रेस ऑफ़ इंडिया प्रकाशन" परिवार के अख़बारों "जीवन का लक्ष्य (पाक्षिक) शकुंतला टाइम्स (मासिक), शकुंतला सर्वधर्म संजोग (मासिक),शकुंतला के सत्यवचन (साप्ताहिक), उत्तम बाज़ार (त्रैमासिक)" के माध्यम से करता था. जिनको मैंने देश व समाज को समर्पित किया हुआ है. जिसे काफी लोग "समाजसेवा" का नाम भी देते है. इसलिए अपने दैनिक दिनचर्या के कार्य खत्म होने के बाद मेरा काफी समय सोशल वेबसाईट पर ही बीतता है.


मंगलवार, जून 17, 2014

क्या गरीब और आम व्यक्ति को इन प्रश्नों का कभी जबाब मिलेगा ?

दोस्तों, मेरी खुली चुनौती है कि-कुछ ऐसे प्रश्न जिनका जबाब किसी राज्य सरकार व मोदी सरकार के साथ ही क्षेत्रीय पार्षद, विधायक और सांसद से नहीं मिल सकता हैं, क्योंकि यहाँ सब कुछ गोल-माल या जुगाड़ है.

1. क्या दिल्ली में उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी नगर निगम और दिल्ली पुलिस (क्षेत्रीय थाना) को बिना रिश्वत दिए अपना मकान बनाना संभव है ? यदि हाँ तो कैसे ?

 

2. यदि किसी गरीब और आम व्यक्ति की अपने क्षेत्रीय पार्षद, विधायक और सांसद से कोई जान-पहचान या अन्य किसी के द्वारा सम्पर्क (जुगाड़ या सिफारिश) नहीं है तो क्या वो व्यक्ति अपना मकान (निर्माण कार्य) नहीं बना सकता है?

 

3. यदि उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी नगर निगम और दिल्ली पुलिस का कहना है कि ऐसा कुछ (रिश्वत का लेन-देन) नहीं है तो आज उत्तम नगर सहित पूरी दिल्ली में क्षेत्रीय पार्षद, विधायक और सांसद सहित सभी राजनैतिक पार्टियों के जानकार व्यक्तियों और बिल्डरों द्वारा किया जा रहा निर्माण कैसे हो रहा है?

 

4. यदि आप अगर नीचे से लेकर ऊपर तक उनका मुंह मीठा (रिश्वत का लेन-देन) न करवाओ तो क्या आपके मकान को गिरा दिया जाता है या निर्माण कार्य बंद नहीं करवा दिया जाता है?

 

5. क्या पूरी दिल्ली के क्षेत्रीय पार्षद, विधायक और सांसद के साथ ही दिल्ली नगर निगम का कोई अधिकारी इसका जबाब देगा ?

 

यदि हम सूत्रों की बात माने तो पूरे उत्तम नगर के पिनकोड 110059 (जिस में चार विधानसभा का क्षेत्र आता है) में लगभग 2000 मकानों का अवैध निर्माण हो रहा है. इस तरह से पूरी दिल्ली में एक अनुमान के अनुसार लगभग डेढ़ लाख मकानों का निर्माण हो रहा है. सूत्रों का कहना है कि-अपने मकानों का निर्माण करने के लिए आपकी ऊँची पहुँच होनी चाहिए, नहीं तो आप अपना मकान ही बना सकते हैं. अवैध निर्माण कार्यों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश केवल कागजों पर सिमटकर रह जाते हैं या किसी गरीब व आम व्यक्ति पर ही लागू होते हैं. जो बेचारा अपना पेट काट-काटकर एक-एक पैसा जोड़कर अपने लिए छत बनाने की कोशिश करता है. अपनी राजनीति चमकाने के लिए राजनैतिक पार्टियों को कुछ कालोनियां अवैध नजर आती है और उनके लिए विकास कार्य अवैध नजर आते हैं. लेकिन जब इनको वहां से वोट लेनी होती है तब उन अवैध कालोनियों में रहने वालों की वोट क्यों नहीं अवैध दिखती हैं ?

 

दोस्तों, मैं तो अपने क्षेत्र के सांसद, विधायक, चारों पार्षद से पूछ रहा हूँ. देखते हैं क्या कोई जबाब मिलेगा या नहीं ? आप भी पूछे (जब मौत एक दिन आनी है फिर डर कैसा? सौ दिन घुट-घुटकर मरने से तो एक दिन शान से जीना कहीं बेहतर है. मेरा बस यहीं कहना है कि-आप आये हो, एक दिन लौटना भी होगा. फिर क्यों नहीं तुम ऐसा करो कि तुम्हारे अच्छे कर्मों के कारण तुम्हें पूरी दुनिया हमेशा याद रखें. धन-दौलत कमाना कोई बड़ी बात नहीं, पुण्य कर्म कमाना ही बड़ी बात है) और यदि इस पोस्ट का विषय सही लगा हो तो इस पोस्ट को शेयर करें.                                                                                                    

(पार्षद-अंजू गुप्ता, मोहन गार्डन, वार्ड नं. 125)
 (पार्षद-नरेश बाल्यान, नवादा, वार्ड नं. 126)
(पार्षद-शिवाली शर्मा, उत्तम नगर, वार्ड नं. 127)
 (पार्षद-देशराज राघव, बिंदापुर, वार्ड नं. 128)










सभी फोटो:-गूगल से
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

मार्मिक अपील-सिर्फ एक फ़ोन की !

मैं इतना बड़ा पत्रकार तो नहीं हूँ मगर 15 साल की पत्रकारिता में मेरी ईमानदारी ही मेरी पूंजी है.आज ईमानदारी की सजा भी भुगत रहा हूँ.पैसों के पीछे भागती दुनिया में अब तक कलम का कोई सच्चा सिपाही नहीं मिला है.अगर संभव हो तो मेरा केस ईमानदारी से इंसानियत के नाते पढ़कर मेरी कोई मदद करें.पत्रकारों, वकीलों,पुलिस अधिकारीयों और जजों के रूखे व्यवहार से बहुत निराश हूँ.मेरे पास चाँदी के सिक्के नहीं है.मैंने कभी मात्र कागज के चंद टुकड़ों के लिए अपना ईमान व ज़मीर का सौदा नहीं किया.पत्रकारिता का एक अच्छा उद्देश्य था.15 साल की पत्रकारिता में ईमानदारी पर कभी कोई अंगुली नहीं उठी.लेकिन जब कोई अंगुली उठी तो दूषित मानसिकता वाली पत्नी ने उठाई.हमारे देश में महिलाओं के हितों बनाये कानून के दुरपयोग ने मुझे बिलकुल तोड़ दिया है.अब चारों से निराश हो चूका हूँ.आत्महत्या के सिवाए कोई चारा नजर नहीं आता है.प्लीज अगर कोई मदद कर सकते है तो जरुर करने की कोशिश करें...........आपका अहसानमंद रहूँगा. फाँसी का फंदा तैयार है, बस मौत का समय नहीं आया है. तलाश है कलम के सच्चे सिपाहियों की और ईमानदार सरकारी अधिकारीयों (जिनमें इंसानियत बची हो) की. विचार कीजियेगा:मृत पत्रकार पर तो कोई भी लेखनी चला सकता है.उसकी याद में या इंसाफ की पुकार के लिए कैंडल मार्च निकाल सकता है.घड़ियाली आंसू कोई भी बहा सकता है.क्या हमने कभी किसी जीवित पत्रकार की मदद की है,जब वो बगैर कसूर किये ही मुसीबत में हों?क्या तब भी हम पैसे लेकर ही अपने समाचार पत्र में खबर प्रकाशित करेंगे?अगर आपने अपना ज़मीर व ईमान नहीं बेचा हो, कलम को कोठे की वेश्या नहीं बनाया हो,कलम के उद्देश्य से वाफिक है और कलम से एक जान बचाने का पुण्य करना हो.तब आप इंसानियत के नाते बिंदापुर थानाध्यक्ष-ऋषिदेव(अब कार्यभार अतिरिक्त थानाध्यक्ष प्यारेलाल:09650254531) व सबइंस्पेक्टर-जितेद्र:9868921169 से मेरी शिकायत का डायरी नं.LC-2399/SHO-BP/दिनांक14-09-2010 और LC-2400/SHO-BP/दिनांक14-09-2010 आदि का जिक्र करते हुए केस की प्रगति की जानकारी हेतु एक फ़ोन जरुर कर दें.किसी प्रकार की अतिरिक्त जानकारी हेतु मुझे ईमेल या फ़ोन करें.धन्यबाद! आपका अपना रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा"

क्या आप कॉमनवेल्थ खेलों की वजह से अपने कर्त्यवों को पूरा नहीं करेंगे? कॉमनवेल्थ खेलों की वजह से अधिकारियों को स्टेडियम जाना पड़ता है और थाने में सी.डी सुनने की सुविधा नहीं हैं तो क्या FIR दर्ज नहीं होगी? एक शिकायत पर जांच करने में कितना समय लगता है/लगेगा? चौबीस दिन होने के बाद भी जांच नहीं हुई तो कितने दिन बाद जांच होगी?



यह हमारी नवीनतम पोस्ट है: