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रविवार, मार्च 10, 2013

निर्धन कन्याओं का सामूहिक विवाह समारोह

आज दिनांक 10/03/2013 को महाशिवरात्रि के सुअवसर पर "गौरी शंकर चैरिटेबल ट्रस्ट (पंजी.) नई दिल्ली" के द्वारा स्थान-शिव शक्ति मंदिर, कैलास कालोनी मार्किट, नजदीक मैट्रो स्टेशन, नई दिल्ली-110048 में सुबह साढ़े दस बजे घुड़चडी एवं सेहरा बंदी के साथ कार्यक्रम की शुरुयात होकर बारात एवं अतिथिगण स्वागत, प्रीती भोज और विदाई आदि व्यवस्थाओं के साथ ही निर्धन 12 कन्याओं का सामूहिक विवाह समारोह सम्पन्न करवाया गया.
जिसमें "लायंस क्लब दिल्ली साऊथ" सभी सदस्यों ने 21, 000 (इक्कीस हजार) रूपये का नकद योगदान दिया और इस मंगलमय कार्यक्रम में "लायंस क्लब दिल्ली साऊथ" के श्री के.सी. मैनी, अशोक कुमार त्यागी, सी.एम्.तनेजा, देवराज बधवार, पत्रकार रमेश कुमार जैन @ निर्भीक सहित अनेक सदस्य शामिल हुए. 
 सामूहिक विवाह (निर्धन 12 कन्याओं का) में सभी वर-वधुओं को घर-गृहस्थी का सजो-सामान दिया गया और वर-वधुओं के परिजनों के लिए भोजन आदि की पूरी व्यवस्था भी की गई थी. इस मंगलमय मंगलमय कार्यक्रम के अवसर पर प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा (नेता-विपक्ष, दिल्ली विधानसभा), श्रीमती आरती मेहरा (पूर्व महापौर,दिल्ली) सहित समाज के अनेक गणमान्य अतिथियों ने अपनी उपस्थित दर्ज करवाई. (लेखक के साथ फेसबुक यहाँ पर क्लिक करके जुड़ें)





4 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही अच्छा सामाजिक कार्य .इस हेतु आप सभी लोग बधाई के पात्र हैं.ऐसे नेक कार्य में कभी जरूरत समझें तो सूचित करें ,क्षमता अनुसार मैं भी सहयोग करूंगा.धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपका आभार ! उपरोक्त संस्था ऐसे सामाजिक कार्य करती रहती है. यदि आप चाहे तो आपको भी इसका सदस्य बना दिया जाये. यदि आप जरूरत को धन समझ रहे हैं. तब आप यथा संभव जब चाहे "सहयोग" दे सकते हैं. लेकिन हम इसके लिए सहयोग केवल चेक के द्वारा ही लेते हैं. आप हमसे फेसबुक पर जुड सकते हैं. उसका लिंक https://www.facebook.com/groups/lcds2013/ है.

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मार्मिक अपील-सिर्फ एक फ़ोन की !

मैं इतना बड़ा पत्रकार तो नहीं हूँ मगर 15 साल की पत्रकारिता में मेरी ईमानदारी ही मेरी पूंजी है.आज ईमानदारी की सजा भी भुगत रहा हूँ.पैसों के पीछे भागती दुनिया में अब तक कलम का कोई सच्चा सिपाही नहीं मिला है.अगर संभव हो तो मेरा केस ईमानदारी से इंसानियत के नाते पढ़कर मेरी कोई मदद करें.पत्रकारों, वकीलों,पुलिस अधिकारीयों और जजों के रूखे व्यवहार से बहुत निराश हूँ.मेरे पास चाँदी के सिक्के नहीं है.मैंने कभी मात्र कागज के चंद टुकड़ों के लिए अपना ईमान व ज़मीर का सौदा नहीं किया.पत्रकारिता का एक अच्छा उद्देश्य था.15 साल की पत्रकारिता में ईमानदारी पर कभी कोई अंगुली नहीं उठी.लेकिन जब कोई अंगुली उठी तो दूषित मानसिकता वाली पत्नी ने उठाई.हमारे देश में महिलाओं के हितों बनाये कानून के दुरपयोग ने मुझे बिलकुल तोड़ दिया है.अब चारों से निराश हो चूका हूँ.आत्महत्या के सिवाए कोई चारा नजर नहीं आता है.प्लीज अगर कोई मदद कर सकते है तो जरुर करने की कोशिश करें...........आपका अहसानमंद रहूँगा. फाँसी का फंदा तैयार है, बस मौत का समय नहीं आया है. तलाश है कलम के सच्चे सिपाहियों की और ईमानदार सरकारी अधिकारीयों (जिनमें इंसानियत बची हो) की. विचार कीजियेगा:मृत पत्रकार पर तो कोई भी लेखनी चला सकता है.उसकी याद में या इंसाफ की पुकार के लिए कैंडल मार्च निकाल सकता है.घड़ियाली आंसू कोई भी बहा सकता है.क्या हमने कभी किसी जीवित पत्रकार की मदद की है,जब वो बगैर कसूर किये ही मुसीबत में हों?क्या तब भी हम पैसे लेकर ही अपने समाचार पत्र में खबर प्रकाशित करेंगे?अगर आपने अपना ज़मीर व ईमान नहीं बेचा हो, कलम को कोठे की वेश्या नहीं बनाया हो,कलम के उद्देश्य से वाफिक है और कलम से एक जान बचाने का पुण्य करना हो.तब आप इंसानियत के नाते बिंदापुर थानाध्यक्ष-ऋषिदेव(अब कार्यभार अतिरिक्त थानाध्यक्ष प्यारेलाल:09650254531) व सबइंस्पेक्टर-जितेद्र:9868921169 से मेरी शिकायत का डायरी नं.LC-2399/SHO-BP/दिनांक14-09-2010 और LC-2400/SHO-BP/दिनांक14-09-2010 आदि का जिक्र करते हुए केस की प्रगति की जानकारी हेतु एक फ़ोन जरुर कर दें.किसी प्रकार की अतिरिक्त जानकारी हेतु मुझे ईमेल या फ़ोन करें.धन्यबाद! आपका अपना रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा"

क्या आप कॉमनवेल्थ खेलों की वजह से अपने कर्त्यवों को पूरा नहीं करेंगे? कॉमनवेल्थ खेलों की वजह से अधिकारियों को स्टेडियम जाना पड़ता है और थाने में सी.डी सुनने की सुविधा नहीं हैं तो क्या FIR दर्ज नहीं होगी? एक शिकायत पर जांच करने में कितना समय लगता है/लगेगा? चौबीस दिन होने के बाद भी जांच नहीं हुई तो कितने दिन बाद जांच होगी?



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