मेरी बहनों/मांओं ! क्या नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, शहीद भगत सिंह आदि किसी के भाई और बेटे नहीं थें ?
क्या
भारत देश में देश पर कुर्बान होने वाले लड़के/लड़कियाँ मांओं ने पैदा करने
बंद कर दिए हैं ? जो भविष्य में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, शहीद भगत सिंह,
राजगुरु, सुखदेव और झाँसी की रानी आदि बन सकें. अगर पैदा किये है तब उन्हें
कहाँ अपने आँचल की छाँव में छुपाए बैठी हो ?
उन्हें निकालो ! अपने आँचल की
छाँव से भारत देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करके देश को "सोने की चिड़िया"
बनाकर "रामराज्य" लाने के लिए देश को आज उनकी जरूरत है. मौत एक अटल सत्य
है. इसका डर निकालकर भारत देश के प्रति अपना प्रेम और ईमानदारी दिखाए. क्या
तुमने देश पर कुर्बान होने के लिए बेटे/बेटियां पैदा नहीं की. अपने
स्वार्थ के लिए पैदा किये है. क्या तुमको मौत से डर लगता है कि कहीं मेरे
बेटे/बेटी को कुछ हो गया तो मेरी कोख सूनी हो जायेगी और फिर मुझे रोटी कौन
खिलाएगा. क्या नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आदि की मांओं की कोख सूनी नहीं
हुई, उन्हें आज तक कौन रोटी खिलता है ? क्या उनकी मांएं स्वार्थी थी ?
दोस्तों, नेताजी
सुभाष चन्द्र बोस, शहीद भगत सिंह आदि भी किसी के भाई और बेटे थें. उन
मांओं की भी कोख सूनी हुई, उन्हें आज कोई रोटी नहीं खिलता है. आज देश में
यह हालत है कि देश पर कुर्बान होने वाले के कफनों के सौदेबाजी होती है या
यह कहे कि एक घोटाला के बाद दूसरा घोटाला खुलता है.सरकार से मिलने वाली
सहायता के लिए शहीदों के माँ-बाप और परिजन दर-दर की ठोकर खाते-फिरते हैं.
आज
देश में महिलाओं की स्थिति देखकर ऐसा लगता है कि वो माँ की कोख से पैदा
नहीं हुए. वो असमान से टपकें थें. आज देशवासी फिर इंतजार कर रहे हैं कि
ऐसे वीर दुबारा पैदा हो, हमारे पड़ोसी के घर ही पैदा हो.मगर अपने घर में कोई
पैदा नहीं करना चाहता है.
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