हम हैं आपके साथ

हमसे फेसबुक पर जुड़ें

कृपया हिंदी में लिखने के लिए यहाँ लिखे.

आईये! हम अपनी राष्ट्रभाषा हिंदी में टिप्पणी लिखकर भारत माता की शान बढ़ाये.अगर आपको हिंदी में विचार/टिप्पणी/लेख लिखने में परेशानी हो रही हो. तब नीचे दिए बॉक्स में रोमन लिपि में लिखकर स्पेस दें. फिर आपका वो शब्द हिंदी में बदल जाएगा. उदाहरण के तौर पर-tirthnkar mahavir लिखें और स्पेस दें आपका यह शब्द "तीर्थंकर महावीर" में बदल जायेगा. कृपया "रमेश कुमार निर्भीक" ब्लॉग पर विचार/टिप्पणी/लेख हिंदी में ही लिखें.

शुक्रवार, अगस्त 05, 2011

कंप्यूटर बेचते समय कम्पनी और डीलर कहता हैं कि-24 घंटे में घर पर ही सर्विस देंगे

 दोस्तों, अब कुछ ऐसे कारणों से आपसे कुछ दिनों के लिए दूर हो रहा हूँ. कल रात मैं दो बजे ही अपना सारा कार्य खत्म करके कंप्यूटर बंद करके सोया था. मगर आज जब अपनी दिनचर्या निपटाकर सुबह 11 बजे कंप्यूटर शुरू किया. तब शुरू ही नहीं हो रहा है. फिर मैंने कम्पनी में अपनी शिकायत लिखवा दी. कंप्यूटर बेचते समय कहने को कम्पनी और डीलर कहता हैं कि-24 घंटे में घर पर ही सर्विस देंगे. मगर ऐसा होता नहीं है. आप मेरी भेजी ईमेल और उसके जवाब को देखकर जान लें. आज यह सूचना आपको कैफे से दे रहा हूँ कि जब कम्पनी मेरा कंप्यूटर ठीक करती है. तब तक आपसे मुलाकात करना मेरे लिए संभव नहीं है और न आपकी पोस्ट पढ़कर किसी भी प्रकार की टिप्पणी कर पाऊंगा. 
 HCL Touch टीम, HCL Infosystems Ltd.D-233, Sector-63 Noida-201301
 श्रीमान जी, मेरा कंप्यूटर आज सुबह से ख़राब है. मैंने उसकी शिकायत नं. 8400023938 करा दी. मगर कहा जा रहा कि-इंजिनियर मंगलबार तक आएगा. आपसे विनम्र अनुरोध है मेरी शिकायत पर जल्दी से जल्दी कार्यवाही करवाएं. गौरतलब कि-पिछले साल भी 4 अगस्त 2010 को कंप्यूटर भी ख़राब हुआ था. तब भी आपने मुझे बहुत मानसिक यातना दी और आपके लापरवाही के कारण मुझे बहुत नुक्सान हुआ था. तब भी आपने मेरा एक महीने में ठीक किया था. अगर आपने इस बार ऐसा ही लापरवाही भरा व्यवहार किया तो मुझे इस बार "उपयोक्ता फोरम" जाना होगा. शायद आपको याद हो कि मैं पेशे से पत्रकार हूँ. इस कारण से मेरे बहुत से कार्य रुक गए है. आपको यह ईमेल अपने दोस्त के यहाँ से कर रहा हूँ. कृपया मेरी शिकायत पर जल्दी से जल्दी कार्यवाही करें. मैं बहुत परेशान हूँ. मशीन सीरियल नं. 084az031130 है. नाम : रमेश कुमार जैन उर्फ़ सिरफिरा. ए-34-ए, शीश राम पार्क, सामने-शिव मंदिर, उत्तम नगर, नई दिल्ली-110059 फ़ोन: 09910350461, 09868262751, 011-28563826
--------------------------------------------------------------------------------------------------
Dear Customer,
Thank you for writing to HCL Touch. This is an automated response to confirm receipt of your e-mail. We will get back to you regarding your email shortly.We assure you the best of services.Regards,
HCL Touch टीम HCL Infosystems Ltd. D-233, Sector-63 Noida-201301 Visit us at: http://www.hclsupportservice.%e0%a4%87%e0%a4%a8/ Email us at: mailto:hcltouch.reg@hcl.%E0%A4%87%E0%A4%A8
Call us at: 1860 1800 425 | 0120 . 2406105
SMS us at: +91-9911115555 Delighting our customers is our top priority. We welcome your comments and suggestions about how we can improve the support we provide to you. Please write to us at hcltouch.reg@hcl.in

5 टिप्‍पणियां:

  1. ये इनकी चाल है ! कथनी और करनी में फर्क आ ही जता है !

    जवाब देंहटाएं
  2. दोस्तों, मेरी इतनी सख्ती दिखाने और करने से मुझे यह फायदा हुआ कि आज दोपहर12 बजे ही इंजिनियर आया और पूरा कंप्यूटर चैक करने के बाद एक जी.बी. की रम निकलकर ले गया और कह रहा था कि एक दो दिन में आ जायेंगी.तब लगा जाऊँगा. दोस्तों जब मैंने तीन साल की गांरटी का कंप्यूटर खरीदा है और दो साल की गांरटी के अलग से पैसे दिए है. तब सही और जल्दी सर्विस लेना मेरा हक है. आपको क्या लगता है? आपका क्या कहना है मेरी इस बात के संदर्भ में ....

    जवाब देंहटाएं
  3. Aapne maamle ko thik se handle kar liya aur unka Sir Phira diya . We dar gaye Forum ka naam sunkar.

    Mubarak ho .

    जवाब देंहटाएं
  4. आपका कम्प्यूटर तो खराब होने की भी सालगिरह मना रहा है। ये लोग तो ऐसे ही ग्राहकों को ठगते हैं।

    जवाब देंहटाएं
  5. @G.N.SHAW जी जब कम्पनी या नेताओं की कथनी और करनी में फर्क आये तभी हमें अपने हकों के नहीं लड़ना चाहिए.

    @DR. ANWER JAMAL जी, मैंने अपना हक और सर्विस ही तो मांगी है. फिर पिछले साल कम्पनी द्वारा माफ़ी मांगने पर माफ किया जा चुका है. फिर हर बार तो माफ नहीं किया जा सकता है. खान साहब आज आपने यहाँ कैसे अपनी टिप्पणी अंग्रेजी में कर दी.आप तो वैसे लगभग हर ब्लॉग पर हिंदी में ही टिप्पणी करते है.

    @चंदन कुमार मिश्र जी, आपने सही कहा कंप्यूटर को भी अपनी सालगिरह बनाने का हक है. जब भी कम्पनी किसी ग्राहक को ठगे तभी ग्राहक को उसके खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए. इसमें भी हमारी कमजोरी होती हैं. जो इनके हौसले बढते हैं.

    जवाब देंहटाएं

अपने बहूमूल्य सुझाव व शिकायतें अवश्य भेजकर मेरा मार्गदर्शन करें. आप हमारी या हमारे ब्लोगों की आलोचनात्मक टिप्पणी करके हमारा मार्गदर्शन करें और हम आपकी आलोचनात्मक टिप्पणी का दिल की गहराईयों से स्वागत करने के साथ ही प्रकाशित करने का आपसे वादा करते हैं. आपको अपने विचारों की अभिव्यक्ति की पूरी स्वतंत्रता है. लेकिन आप सभी पाठकों और दोस्तों से हमारी विनम्र अनुरोध के साथ ही इच्छा हैं कि-आप अपनी टिप्पणियों में गुप्त अंगों का नाम लेते हुए और अपशब्दों का प्रयोग करते हुए टिप्पणी ना करें. मैं ऐसी टिप्पणियों को प्रकाशित नहीं करूँगा. आप स्वस्थ मानसिकता का परिचय देते हुए तर्क-वितर्क करते हुए हिंदी में टिप्पणी करें.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

मार्मिक अपील-सिर्फ एक फ़ोन की !

मैं इतना बड़ा पत्रकार तो नहीं हूँ मगर 15 साल की पत्रकारिता में मेरी ईमानदारी ही मेरी पूंजी है.आज ईमानदारी की सजा भी भुगत रहा हूँ.पैसों के पीछे भागती दुनिया में अब तक कलम का कोई सच्चा सिपाही नहीं मिला है.अगर संभव हो तो मेरा केस ईमानदारी से इंसानियत के नाते पढ़कर मेरी कोई मदद करें.पत्रकारों, वकीलों,पुलिस अधिकारीयों और जजों के रूखे व्यवहार से बहुत निराश हूँ.मेरे पास चाँदी के सिक्के नहीं है.मैंने कभी मात्र कागज के चंद टुकड़ों के लिए अपना ईमान व ज़मीर का सौदा नहीं किया.पत्रकारिता का एक अच्छा उद्देश्य था.15 साल की पत्रकारिता में ईमानदारी पर कभी कोई अंगुली नहीं उठी.लेकिन जब कोई अंगुली उठी तो दूषित मानसिकता वाली पत्नी ने उठाई.हमारे देश में महिलाओं के हितों बनाये कानून के दुरपयोग ने मुझे बिलकुल तोड़ दिया है.अब चारों से निराश हो चूका हूँ.आत्महत्या के सिवाए कोई चारा नजर नहीं आता है.प्लीज अगर कोई मदद कर सकते है तो जरुर करने की कोशिश करें...........आपका अहसानमंद रहूँगा. फाँसी का फंदा तैयार है, बस मौत का समय नहीं आया है. तलाश है कलम के सच्चे सिपाहियों की और ईमानदार सरकारी अधिकारीयों (जिनमें इंसानियत बची हो) की. विचार कीजियेगा:मृत पत्रकार पर तो कोई भी लेखनी चला सकता है.उसकी याद में या इंसाफ की पुकार के लिए कैंडल मार्च निकाल सकता है.घड़ियाली आंसू कोई भी बहा सकता है.क्या हमने कभी किसी जीवित पत्रकार की मदद की है,जब वो बगैर कसूर किये ही मुसीबत में हों?क्या तब भी हम पैसे लेकर ही अपने समाचार पत्र में खबर प्रकाशित करेंगे?अगर आपने अपना ज़मीर व ईमान नहीं बेचा हो, कलम को कोठे की वेश्या नहीं बनाया हो,कलम के उद्देश्य से वाफिक है और कलम से एक जान बचाने का पुण्य करना हो.तब आप इंसानियत के नाते बिंदापुर थानाध्यक्ष-ऋषिदेव(अब कार्यभार अतिरिक्त थानाध्यक्ष प्यारेलाल:09650254531) व सबइंस्पेक्टर-जितेद्र:9868921169 से मेरी शिकायत का डायरी नं.LC-2399/SHO-BP/दिनांक14-09-2010 और LC-2400/SHO-BP/दिनांक14-09-2010 आदि का जिक्र करते हुए केस की प्रगति की जानकारी हेतु एक फ़ोन जरुर कर दें.किसी प्रकार की अतिरिक्त जानकारी हेतु मुझे ईमेल या फ़ोन करें.धन्यबाद! आपका अपना रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा"

क्या आप कॉमनवेल्थ खेलों की वजह से अपने कर्त्यवों को पूरा नहीं करेंगे? कॉमनवेल्थ खेलों की वजह से अधिकारियों को स्टेडियम जाना पड़ता है और थाने में सी.डी सुनने की सुविधा नहीं हैं तो क्या FIR दर्ज नहीं होगी? एक शिकायत पर जांच करने में कितना समय लगता है/लगेगा? चौबीस दिन होने के बाद भी जांच नहीं हुई तो कितने दिन बाद जांच होगी?



यह हमारी नवीनतम पोस्ट है: