क्या एक ईमानदार पत्रकार किसी जाति या धर्म का होता है? नहीं. वो जहाँ अन्याय हो रहा हो, वहाँ खड़ा होता है. क्या पत्रकार केवल समाचार बेचने वाला है? नहीं.वह सिर भी बेचता है और संघर्ष भी करता है.उसके जिम्मे कर्त्तव्य लगाया गया है कि-वह अत्याचारी के अत्याचारों के विरुध्द आवाज उठाये.एक सच्चे और ईमानदार पत्रकार का कर्त्तव्य हैं,प्रजा के दुःख दूर करना,सरकार के अन्याय के विरुध्द आवाज उठाना,उसे सही परामर्श देना और वह न माने तो उसके विरुध्द संघर्ष करना.
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मंगलवार, सितंबर 11, 2012
जिसकी लाठी उसी की भैंस-अंधा कानून
1 टिप्पणी:
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मार्मिक अपील-सिर्फ एक फ़ोन की !
क्या आप कॉमनवेल्थ खेलों की वजह से अपने कर्त्यवों को पूरा नहीं करेंगे? कॉमनवेल्थ खेलों की वजह से अधिकारियों को स्टेडियम जाना पड़ता है और थाने में सी.डी सुनने की सुविधा नहीं हैं तो क्या FIR दर्ज नहीं होगी? एक शिकायत पर जांच करने में कितना समय लगता है/लगेगा? चौबीस दिन होने के बाद भी जांच नहीं हुई तो कितने दिन बाद जांच होगी?
सिरफिरा जी, मौजूदा न्याय प्रणाली के प्रति आपके विचारों से बहुत से लोग सहमत हो सकते हैं. वास्तव में आज की न्याय व्यवस्था वर्तमान परिस्थितियों और आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं रह गई है. क्योंकि जनसँख्या के समानुपात में न्यायालयों की भारी कमी देखी जा रही है, जिससे कि लोगों को न्याय पाने में विलम्ब होता है. इसलिए यह अत्यंत आवश्यक हो गया है कि आम जनता के हितों के अनुरूप न्याय प्रणाली में व्यापक संशोधन किया जाये.
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