tag:blogger.com,1999:blog-5134500160724854483.post3262039536463265098..comments2023-10-20T05:34:18.836-07:00Comments on रमेश कुमार निर्भीक : क्या है हिंसा की परिभाषा ?रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीकhttp://www.blogger.com/profile/01260635185874875616noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5134500160724854483.post-35255057574027689862011-07-23T13:15:05.508-07:002011-07-23T13:15:05.508-07:00रमेश जी,
हिंसा का तो विस्तार बहुत दूर तक है। आपके...रमेश जी,<br /><br />हिंसा का तो विस्तार बहुत दूर तक है। आपके गिनाए में से शायद धरती का हर आदमी हिसक है लेकिन हिंसा कभी कभी मजबूरी बनकर आती है जैसे आपके देश पर आक्रमण हो तो क्या करें? फिर भी हिंसा पर आपका लिखा हिंसा को व्यक्त कर तो देता ही है।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5134500160724854483.post-8354603541975172042011-07-20T02:57:45.834-07:002011-07-20T02:57:45.834-07:00रमेश जी,
हिंसा vishay par आपके vicharon से yu...रमेश जी,<br /> हिंसा vishay par आपके vicharon से yukt yah aalekh sarahniy है.आपकी yogyata hamare ब्लॉग जगत के लिए एक स्तम्भ के सामान है और हम सभी आपकी दिल से कद्र करते हैं आप जिन वजहों से kasht झेल रहे हैं हो सकता है की विधि का विधान हो किन्तु आप खरे सोने के सामान इन विपदाओं से बहार निकलेंगे यही हमारी शुभकामना है आप कहीं भी हमारी किसी टिपण्णी को अन्यथा मत लें क्योंकि हम कहीं भी आपके खिलाफ में नहीं हैं हम यदि कहिओं कुछ कह भी रहे हैं तो उसकी वजह मात्र इतनी है की हम उस स्थान को ऐसी पोस्ट के काबिल नहीं समझ रहे हैं.Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.com